Monday, August 25, 2008

दर्द-ऐ-दिल

कि अभी तो हुई शुरू बात दिल कि है
और अभी तुम जाते हो
कि अभी तो नासूर--दिल को छेड़ा है
और तुम जाते हो
कि अभी तो खून--जिगर बाकी है
और तुम जाते हो

दोस्त जुल्म यूँ कर
हो गर हिम्मत--नज़र
छेड के दास्ताँ--जिगर
हमें यूँ बेजार कर

Wednesday, August 13, 2008

भारतवर्ष का राष्ट्रीय गीत - वंदे मातरम

स्वतंत्रता दिवस के स्वागतोप्लाक्ष्य पर मैं भारतवर्ष के राष्ट्रीय गीत के हिन्दी रूपांतरण पर ये लेख लिख रहा हूँ| भारतवर्ष का राष्ट्रीय गीत "वंदे मातरम" श्री बंकिम चंद्र चटोपाध्याय ने संस्कृत में लिखा था एवं श्री अरबिंदो ने उसे अंग्रेजी में अनुवादित किया था|

वंदे मातरम - संस्कृत रूप में

सुजलाम सुफलाम, मलयज शीतलं
शाश्यश्यामालम मातरम, वंदे मातरम्
शुभ्रजोत्स्यनाम पुलकित यामिनीम,
फुलकुसुमित द्रुमदल शोभिनिम्
सुहासीनीम सुमधुर भाषिनिम
सुखदाम वरदाम मातरम
वंदे मातरम
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वंदे मातरम - हिन्दी रूपांतरण

हे माँ तुझे प्रणाम
तेरा जल स्वच्छ, स्वच्छ तेरा फल और शीतल तेरी पवन है
हे माँ तेरा निर्मल स्वच्छ मस्तक है
माँ तुझे प्रणाम

स्वच्छ प्रकाश सा तेरा ललाट चमकता है
खिले हुए फुल और हरे वृक्ष तुझे शोभएमान करते हैं
मंद मुसकान संग तेरी वाणी मधुर है
माँ तू सुखदायक है वरदायक है
माँ मैं तुझे प्रणाम करता हूँ तेरे सामने मैं नतमस्तक हूँ

Vande Maataram as transliterated by Shri Arbindo in English -

Mother, I bow to thee!
Rich with thy hurrying streams,
bright with orchard gleams,
Cool with thy winds of delight,
Dark fields waving Mother of might,
Mother free.

Glory of moonlight dreams,
Over thy branches and lordly streams,
Clad in thy blossoming trees,
Mother, giver of ease
Laughing low and sweet!
Mother I kiss thy feet,
Speaker sweet and low!
Mother, to thee I bow.



Friday, August 8, 2008

गर तुम पिलाओ मदिरा

गर तू अपने होंठों से मदिरा पिलाए तो मैं पी लूँ
कि तेरे हाथों से में बहुत मदिरा पी चुका
गर तू अपने लबों से पिलाए तो मैं पी लूँ
कि तेरी आखों से मैं बहुत पी चुका
गर भर अधर का प्याला पिलाए तो मैं पी लूँ
कि तेरे केसुओं की लटों से मैं बहुत पी चुका
ऐ साकी गर पिला सके तो अपने आगोश में भर पिला
कि बैठ मदिरालय मैं बहुत पी चुका