Tuesday, July 21, 2015

भारत का कटु सत्य

आज कुछ सन्देश मिला और उस सन्देश को पढ़ मन भारी सा हुआ। सन्देश के पड़ते हुए मेरी अपनी सोच को बल मिला जिसके अनुसार मैंने पहले कभी कहा था की भारत में धर्मनिरपेक्षता केवल हिंदुओं पर लागू होती है। धर्मनिरपेक्षता के नाम पर हिदुत्व का शोषण होता है। अगर भारतीय राजनीतिक गलियारों में झाँक कर देखेंगे तो आप भी पाएंगे कि भारत वाकई में। धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र नहीं है क्योंकि धर्मनिरपेक्षता के नाम पर सारी पाबंदियां केवल हिंदुओं पर लगती है। अभी पिछले दिनों दिल्ली में जो पुलिस वालों को मारा वहीं अगर धर्म बदल दिए जाते तो क्या होता?? दंगे होते और दिल्ली जलता

मैने किसी मुस्लिम को होली दीवाली की पार्टी देते नहीं देखा है, पर हिन्दुओं को इफ्तार पार्टी देते देखा है |

मैने कश्मीर में भारत के झंडे जलते देखे है, पर कभी पाकिस्तान का झंडा जलाते हुए मुसलमान नहीं देखा है |

मैने हिन्दुओं को टोपी पहने मजारो पर जाते देखा है, पर किसी मुस्लिम को टिका लगाते मंदिर जाते नहीं देखा है |

मैने ISIS का विरोध करते किसी मुस्लिम को नहीं देखा है, पर RSS का विरोध करते हुए लाखो हिन्दू देखे है |

मेने हिन्दूओ को भगवान पर जोक्स बनाते देखा हे पर
मुस्लिमो को अल्लाह पर चुटकले बनाते नही देखा।

मैने मिडिया को विदेशो के गुण गाते देखा है, पर भारत के संस्कार के प्रचार करते नहीं देखा है |

मैने करोड़पतियों के माँ बाप को वर्द्धा आश्रम में देखा है, पर किसी करोड़पति के घर में अनाथ आश्रम नहीं देखा है | 

मैने साई के दरबार में लाखो चढ़ावे देखे है, पर साई के दरबार वालो को कभी गरीबो की भलाई करते नहीं देखा है |

मैने विदेशी गाडियो में विदेशी कुत्तो को घूमते देखा है, पर उनके घर के बाहर कभी गाय को रोटी खिलाते नहीं देखा है

अपना देश समाज बचाओ,

इन्डियन नहीं भारतीय बनो
------  वन्दे मातरम् ------

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