Friday, September 11, 2020

CBI Investigation for Palghar Lynching

CBI Investigation for Palghar Lynching of Sadhus has been denied repeatedly by the Maharashtra Government. Now to that effect we got into a drive to amass public support by the way of raising a petition https://www.change.org/CBIForPalgharSadhus

While we are still not close to that first milestone, we know well that it would not be easy to call for support from the larger audience due to the Geo political situation in Maharashtra and the lost identity of the Palghar case that got buried under the Sushant Singh Rajput's death case and now the whole set of situation centered around Kangana Ranaut's case. Justice for Palghar Sadhus, #CBIForPalghar and any news related to the Lynching of Hindhu Sadhus has been well buried under the TPR News. As of today there is a fresh news of Hindu Sadhus being Lynched in Karnataka that has BJP Government handling the state affairs.  But that news is also not being highlighted by the News and the Media just because its not going to get them TRP.

Now we are not bothered with any coverage by the TRP hungry Media and we want to get going with what we want to achieve from the overall drive and that is to have Impartial Investigation of the Palghar Lynching and other Lynchings across the country where Hindu Sadhus were murdered by the "So Called Mobs".

In the past we have witnessed high voltage drama over the Death of Tabriz or Pahlu, why, just because they were not Hindus, then why are we still not witnessing any support and outcry on the Lynching of Hindu Sadhus? Just because the Hindus over the time have been made to believe that our religion is outdated and is looked down upon by the Evangelist Missionaries as well as others.  We in general prefer to be called Atheist rather than standing proud to call ourselves Hindus.

But, does this mean that the Brutal Murder of the Sadhus is acceptable? No it is NOT.  We would keep up our efforts to demand for CBI Investigation for Palghar till the Government caves in 

Saturday, July 4, 2020

सनातन इतिहास - पौराणिक कथाएँ

यदि कभी आप कुछ प्रस्तुत कर रहे हैं एवं आपने उसपर शोध किया है तो यह आवश्यक नहीं है कि आपने सम्पूर्ण जानकारी एकत्रित कर ली है। आपका शोध अत्यंत सराहनीय है, किंतु इसका यह अर्थ नहीं है कि आप किसी द्वारा विनीत/ निवेदित संदेश तो अनदेख कर दें। भरतिया इतिहास पर कई पक्ष हैं एवं प्रत्येक पक्ष का अपना एक शोध है।

मुझे सर्वदा (पाठशाला के समय से) भारतीय इतिहास में अत्यंत रुचि रही है अतः मैं भरतिया इतिहास को पौराणिक कथा नहीं ऐतिहासिक सत्य मानता हूँ। जिसे हमारे लिखित इतिहास में पौराणिक कथा कहा गया है, वह मात्र कथा नहीं है, उसका पुरातात्विक साक्ष्य मिला है। एवं इस पुरातात्विक सांख्य ने सनातन धर्म को वैश्विक स्तर पर विस्त्रत स्थान दिया है। मात्र लिखित इतिहास (जो स्वाधीनता के बाद लिखा गया) उसमें सत्य को दबा कर मात्र विगत १००० वर्षों का इतिहास लिखा गया। इसमें भी भारत का नहीं, आक्रांताओं का ऐतिहासिक महिमा मंडन किया गया है।

भारतीय इतिहास में विज्ञान सर्वोपरि रहा है। प्रत्येक लेख में, प्रत्येक शिक्षण में विज्ञान का प्रभुत्व दिखता है। किंतु हमारी पाठशालाओं में इसे मात्र एक पौराणिक कथा का नाम दे दिया गया है। एवं यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण परिस्तिथि है कि आज का युवा सनातन धर्म को मानने से व्यथित होता है। उन्हें हिंदू धर्म का नाम अधिक प्रिय है, किंतु उसमें भी उन्हें धर्म से घृणा ही होती है।

मैंने अपने साथियों से एवं जिनसे मैं जुड़ा हूँ, उनसे एक ही प्रश्न करता हूँ, हिंदू शब्द की उत्पत्ति कब और कैसे हुई? क्या हिंदू एवं हिंदी शब्द इस भारत में भारतीय जनो ने प्रारम्भ किया है? उत्तर है नहीं!

मेरा पाठकों से यही निवेदन है कि आप जब हिंदू पौराणिक कथाओं का उल्लेख करें तो उसे सनातन इतिहास से सम्बोधित करें। इसमें नकारात्मक सोच नहीं है, यह सत्यता से आपको परिचित करवाने का प्रयंत है। एवं यदि आपको शोध करना है तो इतिहास पर शोध करें, पौराणिक कथाओं को आडंबर मान कर नहीं।

भारतीय / सनातन इतिहास के वैज्ञानिक तथ्यों पर और जानकारी आपके लिए शीघ्र प्रस्तुत करूँगा