चहकती महकती सी आई वो
हलचल कर गयी जीवन में
चंचल मधुर स्वर में
मद्धम गीत गुनगुना गई
नखराली वो, मेरे ह्रदय में
अपनी छवि छोड़ गई
अपनी चूडियों की खनक से
कानों में मधुरम संगीत छोड़ गई
ना समझ सके कब वो
अंतर्मन में समा गई
ना समझ सके कब वो
जीवन संगिनी बन गई
उसके बिना हम जी ना सकेंगे
कि अब बस यही अभिलाषा है
जीवन के अन्धकार में
उसके गेसूओं में सो जाना है
हलचल कर गयी जीवन में
चंचल मधुर स्वर में
मद्धम गीत गुनगुना गई
नखराली वो, मेरे ह्रदय में
अपनी छवि छोड़ गई
अपनी चूडियों की खनक से
कानों में मधुरम संगीत छोड़ गई
ना समझ सके कब वो
अंतर्मन में समा गई
ना समझ सके कब वो
जीवन संगिनी बन गई
उसके बिना हम जी ना सकेंगे
कि अब बस यही अभिलाषा है
जीवन के अन्धकार में
उसके गेसूओं में सो जाना है
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